सुरेश मोकलपुरी
"सुरेश मोकलपुरी" की हास्य व्यंग कवितायें
Friday, May 20, 2016
आरक्षण
बन्दरों ने कल फिर प्रजातंत्र की अावाज
उठाई
शेर आया उसनें सुना
बन्दरों की मांग स्वीकार हुंई
संसद बैठी
शेर के खिलाफ़ प्रस्ताव पारित हुआ
गधों ने आरक्षण की मांग की
कि हम में सें भी कुछ को शेर होना चाहिए
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment