Sunday, November 2, 2008

कल रात सपने में,

मुझे नेता जी सुभाष चन्द्र बोश मिले ,

उनका चरण राज लेकर हम खिले ,

मैंने पूछा नेता जी आप इतने दिनों तक कहा रूपोश थे ,

क्रांतिकारी होते हुए भी आप खामोश थे ,

देखते नहीं दिनों दिन मुल्क की बिगड़ रही सूरत है ,

आज देश को आपकी शख्त जरूरत है ,

आप जल्दी से बहार आ जाईये ,

एक नई पार्टी बनाइये और चुनाव लड़ जाइयेनेता जी बोले सुरेश ,

भाई गर मै इस मुल्क में बाहर चला आता तो,

गाँधी की तरह सीने में गोली और समाधी पर गाली खाता ,

या फिर लोहिया कृपलानी की तरह चुनाव हार जाता ,

और जो लोग मुझे गाली देते या मेरी समाधी को जूतों रौंदते ,

वे या तो किसी सूबे के मुख्यमंत्री होते ,

या फिर प्रधानमंत्री बनने का सपना संजो रहे होते,

बच्चा इसीलिए मै खामोश था ,

क्रांतिकारी हुए भी आज तक रूपोश था

Chadikaaye

Maine Poocha , Aakhir hum chor to nahi
Phir bhi hamari Talasi Kyu Li Ja Rahi Hai,
To Daroga Sahab Gurrakar Bole,
Hamari Sarkaar Bhaymukt Sarkaar Ka Vaada Nibha Rahi hai,...........

Pait Me Ann Ho , Jeb TanaTann Ho,
To Chunav ladiye ladaiye
Peeche Khade Khade Mooh Mat Banaiye
Aage Badhkar Apni Sarkaar Banaiye.....